Friday, March 16, 2012

9.10 ki Train...








मेरे घर के आगे एक ट्रेन का स्टेशन है
मैं हर रोज़ 9.10 की ट्रेन पकड़ता हूँ
आज भी आया स्टेशन में मैं
पर शायद थोडा late हो गया

स्टेशन में रोज़मर्रा के मुसाफिर मुझे आज नहीं दिखे
शायद छुट्टी पर थे
स्टेशन मास्टर कुछ announcement कर रहा था
पर मेरा ध्यान दूर पटरी पे था

रोज़ 9.10 के आस पास स्टेशन में एक औरत कचड़ा साफ़ करने आती है
पर आज कूड़ेदान बिलकुल साफ़ था
शायद आज जल्दी आकर चली गयी 
स्टेशन मास्टर कुछ announcement कर रहा था
पर मेरा ध्यान दूर पटरी पे था

दूर से एक horn जैसी आवाज़ सुनायी दी
चलो ट्रेन आ गयी , मैंने सोचा
अगले पांच मिनट में भी जब ट्रेन न आई तो मैंने आवाज़ फिर से सुनी
एक बच्चा रो रहा था
स्टेशन मास्टर कुछ announcement कर रहा था
पर मेरा ध्यान अब भी पटरी पे था
 
स्टेशन के यात्री एक एक कर bus stand की ओर जाने लगे
हाँ, रास्ता थोडा उबड़-खाबड़  था, पर उसके पार एक बड़ी bus ख़डी थी
थोड़ी देर में पूरा स्टेशन खली हो गया
स्टेशन मास्टर ने फिर से कुछ announcement किया 
 
 स्टेशन अब  पूरा खाली था और speaker की आवाज़ कानो में गूंजने लगी
मैंने कान बंद कर लिए , पर फिर भी, किसी तरह, आवाज़ मेरे कानों के परदे पर जा लगी

वसंत नगर जाने वाली 9.10 की ट्रेन 
प्लात्फोर्म  नंबर 1 से रवाना हो चुकी है

मैंने कान साफ़ किये -  आजकल कभी कभी ठीक से नहीं सुनता,
अजीब सी आवाजें सुनाई देती हैं - 
और फिर से पटरी की तरफ देखने लगा

अब रात हो गयी है, दूर कुछ रोशनी सा नज़र आ रहा है
शायद 9.10 वाली ट्रेन का engine है




 

2 comments:

App Development Bangalore said...

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UI/UX Company Gurgaon said...

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